धनतेरस(Dhanteras)
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी की 29 अक्टूबर 2024 को धनतेरस मनाई जाएगी. इस दिन भगवान धनवंतरी, कुबेर देवता और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धनतेरस पर सोना-चांदी, बर्तन, आभूषण, भूमि की खरीदारी करना उन्नतिदायक माना जाता है। इस साल धनत्रयोदशी के दिन खरीदारी के लिए अद्भुत संयोग बन रहा है. इसमें खरीदारी करने से 13 गुना वृद्धि होती है।
धनतेरस (Dhanteras) महत्व(Significance)
‘धन’ शब्द का अर्थ है ‘धन’ और ‘तेरस’ का अर्थ 13वां है और इसीलिए इसे धनतेरस के नाम से जाना जाता है। दिवाली का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है, जो शुभ त्योहार है जब लोग धन और समृद्धि के देवताओं की पूजा करते हैं। हिंदी शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर समुद्र मंथन के समय या समुद्र मंथन के समय देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर अन्य खजाने के साथ प्रकट हुए थे, यही कारण है कि लोग इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। पवित्र दिन। लोग इस दिन शुभ मानी जाने वाली नई चीजों की खरीदारी और खरीदारी करते हैं। धनतेरस के इस दिन लोग बहुत सारे सोने, चांदी के आभूषण लाते हैं जो सौभाग्य और भाग्य का महत्व है।
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धनतेरस(Dhanteras) शुभ मुहूर्त
धनत्रयोदशी ,धनतेरस खरीददारी मुहूर्त (Dhanatrayodashee ,Dhanateras khareedadaaree muhoort)
- प्रदोष काल – शाम 05:38 बजे से रात 08:13 बजे तक
- वृषभ काल – शाम 06:31 बजे से रात 08:27 बजे तक
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ – अक्टूबर 29, 2024 को सुबह 10:31 बजे से त्रयोदशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 30, 2024 को दोपहर 01:15 बजे
धनतेरस पर सोना, चांदी, चांदी के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, झाड़ू, घरेलू उपकरण या संपत्ति जैसी चीजें खरीदना शुभ माना जाता है। त्योहार को चिह्नित करने के लिए लोग अपने घरों को दीयों, फूलों और रोशनी से सजाते हैं।
अगर आप धनतेरस(Dhanteras) पर झाड़ू खरीदने जा रहे हैं जानें धनतेरस में झाड़ू खरीदते समय किन बातों का ध्यान देना चाहिए।
सींक और फूल वाली झाड़ू खरीदें
बाजार में कई तरह की झाड़ू बिकती हैं। लेकिन धनतेरस(Dhanteras) में खास झाड़ू खरीदनी चाहिए। इस पावन दिन पर घर झाड़ू लानी है, तो सीकों और फूल वाली झाड़ू खरीदें। मान्यता है कि इस तरह की झाड़ू खरीदकर घर लाने से धन संबंधी परेशानियों से राहत मिलती है।
घनी झाड़ू खरीदें
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने के लिए बाजार जाएं तो ध्यान रखें कि घनी झाड़ू खरीदें। मान्यता है कि झाड़ू जितनी अधिक घनी होगी, उसका सकारात्मक प्रभाव उतना ही अधिक होता है।
टूटी सींक वाली झाड़ू न खरीदें
अगर धनतेरस(Dhanteras) पर सींक वाली झाड़ू खरीद रहे हैं तो ध्यान रखें कि झाड़ू की सींक टूटी हुई न हों। इस तरह की झाड़ू को खंडित माना जाता है। मान्यता है कि टूटी सींक वाली झाड़ू दरिद्रता ला सकती है।
धनतेरस कुबेर देव की पूजा विधि (Dhanteras Kuber Dev Puja Vidhi)
- प्रातः स्नान करें और आसन लेकर मंदिर के सामने बैठ जाएं।
- फिर बाएं हाथ में जल भरें और उसे खुद पर एवं आसपास छिड़कें।
- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और कुबेर देव को स्थापित करें।
- कुबेर देव की तस्वीर भी चौकी पर विराजित कर सकते हैं।
- कुमकुम से लाल कपड़े पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं।
- फिर स्वास्तिक (शुभ काम से पहले क्यों बनाते हैं स्वास्तिक) पर अक्षत, फूल और फल रख अर्पित करें।
- कुबेर देव को मोली यानी कि कलावा वस्त्र के रूप में चढ़ाएं।
- कुबेर देव को श्रद्धा और क्षमता अनुसार आभूषण अर्पित करें।
- आभूषण नहीं हैं तो इसके अलावा नारियल चढ़ा सकते हैं।
- कुबेर देव को कमल के पुष्प या कमलगट्टा अर्पित करें।
- कुबेर देव के समक्ष धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं।
- फिर कुबेर देव को मिष्ठान का भोग लगाएं।
- कुबेर देव के मंत्रों का जाप करें और आरती उतारें।
- भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें।