Karva chauth ki katha (1)
बहुत समय पहले की बात हैं वीरवती नाम की एक राजकुमारी थी। जब वह बड़ी हुई तो उसकी शादी एक राजा से हुई।
Long time ago there was a princess named Veeravati. When she grew up she was married to a king.
शादी के बाद वह करवा चौथ का व्रत करने के लिए माँ के घर आई। वीरवती ने भोर होने के साथ ही करवा चौथ का व्रत शुरू कर दिया।
वीरवती बहुत ही कोमल व नाजुक थी। वह व्रत की कठोरता सहन नहीं कर सकी। शाम होते होते उसे बहुत कमजोरी महसूस होने लगी और वह बेहोश सी हो गई।
After marriage she came to mother’s house to observe Karva Chauth fast. Veervati started the fast of Karva Chauth as soon as it was morning.
Veeravati was very soft and delicate. She could not bear the harshness of the fast. By evening she started feeling very weak and she fainted.
उसके सात भाई थे और उसका बहुत ध्यान रखते थे। उन्होंने उसका व्रत तुड़वा देना ठीक समझा। उन्होंने पहाड़ी पर आग लगाई और उसे चाँद निकलना बता कर वीरवती का व्रत तुड़वाकर भोजन करवा दिया।
He had seven brothers and took great care of him. He thought it right to break his fast. They set fire to the hill and broke Veervati’s fast by telling her to be moonlight and got her food.
जैसे ही वीरवती ने खाना खाया उसे अपने पति की मृत्यु का समाचार मिला। उसे बड़ा दुःख हुआ और वह पति के घर जाने के लिए रवाना हुई
रास्ते में उसे शिवजी और माता पार्वती मिले। माता ने उसे बताया कि उसने झूठा चाँद देखकर चौथ का व्रत तोड़ा है। इसी वजह से उसके पति की मृत्यु हुई है।
वीरवती अपनी गलती के लिए क्षमा मांगने लगी। तब माता ने वरदान दिया कि उसका पति जीवित तो हो जायेगा लेकिन पूरी तरह स्वस्थ नहीं होगा
As soon as Veeravati ate the food she got the news of her husband’s death. She felt very sad and left to go to her husband’s house.
On the way, he met Shiva and Mata Parvati. Mother told him that she had broken the fast of Chauth by seeing a false moon. Because of this, her husband died.
Veervati started apologizing for her mistake. Then the mother gave a boon that her husband would be alive but would not be completely healthy.
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वीरवती जब अपने महल में पहुंची तो उसने देखा राजा बेहोश था और शरीर में बहुत सारी सुइयां चुभी हुई थी। वह राजा की सेवा में लग गई। सेवा करते हुए रोज एक एक करके सुई निकालती गई। एक वर्ष बीत गया। अब करवा चौथ के दिन बेहोश राजा के शरीर में सिर्फ एक सुई बची थी।
When Veeravati reached her palace, she saw that the king was unconscious and many needles were pricked in his body. She got engaged in the service of the king. While doing service, one by one the needles went out every day. One year passed. Now on the day of Karva Chauth, only one needle was left in the unconscious king’s body.
रानी वीरवती ने करवा चौथ का कड़ा व्रत रखा। वह अपनी पसंद का करवा लेने बाजार गई।
पीछे से एक दासी ने राजा के शरीर से आखिरी सुई निकाल दी। राजा को होश आया तो उसने दासी को ही रानी समझ लिया। जब रानी वीरवती वापस आई तो उसे दासी बना दिया गया।
Queen Veeravati kept a strict fast on Karva Chauth. She went to the market to get her choice done.
A maid from behind pulled out the last needle from the king’s body. When the king came to his senses, he considered the maid to be the queen. When Queen Veeravati returned, she was made a maidservant.
तब भी रानी ने चौथ के व्रत का पालन पूरे विश्वास से किया
एक दिन राजा किसी दूसरे राज्य जाने के लिए रवाना हो रहा था। उसने दासी वीरवती से भी पूछ लिया कि उसे कुछ मंगवाना है क्या। वीरवती ने राजा को एक जैसी दो गुड़िया लाने के लिए कहा। राजा एक जैसी दो गुड़िया ले आया।
Even then the queen observed the fast of Chauth with full faith.
One day the king was leaving for another kingdom. He also asked the maid Veervati whether he wanted to get anything. Veeravati asked the king to bring two identical dolls. The king brought two identical dolls.
वीरवती हमेशा गीत गाने लगी
” रोली की गोली हो गई …..गोली की रोली हो गई “
( रानी दासी बन गई , दासी रानी बन गई )
Veervati always started singing songs
” rolee kee golee ho gaee …..golee kee rolee ho gaee “ ( raanee daasee ban gaee , daasee raanee ban gaee )
राजा ने इसका मतलब पूछा तो उसने अपनी सारी कहानी सुना दी । राजा समझ गया और उसे बहुत पछतावा हुआ। उसने वीरवती को वापस रानी बना लिया और उसे वही शाही मान सम्मान लौटाया।
माता पार्वती के आशीर्वाद से और रानी के विश्वास और भक्ति पूर्ण निष्ठा के कारण उसे अपना पति और मान सम्मान वापस मिला।
बोलो चौथ माता की ….. जय !!!
When the king asked about its meaning, he narrated his whole story. The king understood and felt very sorry. He made Veeravati back as queen and returned her the same royal honor.
With the blessings of Mother Parvati and the trust and devotion of the queen, she got back her husband and honor.
Say karva Chauth Mata ki….. Jai !!!
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Karva chauth ki katha (2)
बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात बेटे और उनकी एक बहन करवा थी। सभी सातों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। यहां तक कि वे पहले उसे खाना खिलाते और बाद में स्वयं खाते थे। एक बार उनकी बहन ससुराल से मायके आई हुई थी।
A long time ago, a moneylender had seven sons and one sister got him done. All the seven brothers loved their sister very much. Even they used to feed him first and then eat them himself. Once his sister had come to her maternal home from her in-laws’ house.
शाम को भाई जब अपना व्यापार-व्यवसाय बंद कर घर आए तो देखा उनकी बहन बहुत व्याकुल थी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्य देकर ही खा सकती है। चूंकि चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है।
In the evening when the brother came home after closing his business, he saw that his sister was very distraught. All the brothers sat down to eat food and started urging their sister to eat as well, but the sister told that today she has a waterless fast of Karva Chauth and that food can be eaten only after seeing the moon and giving it Arghya. Since the moon has not yet come out, she is troubled by hunger and thirst.
सबसे छोटे भाई को अपनी बहन की हालत देखी नहीं जाती और वह दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चतुर्थी का चांद उदित हो रहा हो।
The youngest brother does not see the condition of his sister and he lights a lamp on a distant Peepal tree and puts it in the sieve. When viewed from a distance, it appears as if the moon of Chaturthi is rising.
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इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि चांद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चांद को देखती है, उसे अर्घ्य देकर खाना खाने बैठ जाती है।
After this the brother tells his sister that the moon has come out, she can have food after offering him Arghya. The sister climbs the stairs with joy and sees the moon, offers her arghya, and sits down to eat.
वह पहला टुकड़ा मुंह में डालती है तो उसे छींक आ जाती है। दूसरा टुकड़ा डालती है तो उसमें बाल निकल आता है और जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुंह में डालने की कोशिश करती है तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिलता है। वह बौखला जाती है।
When she puts the first piece in her mouth, she sneezes. When she puts the second piece, the hair comes out in it and as soon as she tries to put the third piece in her mouth, she gets the news of her husband’s death. She gets shocked.
उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ। करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं और उन्होंने ऐसा किया है।सच्चाई जानने के बाद करवा निश्चय करती है कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं होने देगी और अपने सतीत्व से उन्हें पुनर्जीवन दिलाकर रहेगी। वह पूरे एक साल तक अपने पति के शव के पास बैठी रहती है। उसकी देखभाल करती है। उसके ऊपर उगने वाली सूईनुमा घास को वह एकत्रित करती जाती है।
His sister-in-law informs him of the truth as to why this happened to him. The deities are angry with her for breaking the Karva Chauth fast in the wrong way and they have done so. After knowing the truth, Karva decides that she will not allow her husband to be cremated and will revive him with her chastity. She sits near the dead body of her husband for a whole year. takes care of her. She keeps on collecting the needle-like grass growing on top of it.
एक साल बाद फिर करवा चौथ का दिन आता है। उसकी सभी भाभियां करवा चौथ का व्रत रखती हैं। जब भाभियां उससे आशीर्वाद लेने आती हैं तो वह प्रत्येक भाभी से ‘यम सूई ले लो, पिय सूई दे दो, मुझे भी अपनी जैसी सुहागिन बना दो’ ऐसा आग्रह करती है, लेकिन हर बार भाभी उसे अगली भाभी से आग्रह करने का कह चली जाती है।
After a year, the day of Karva Chauth comes again. All his sisters-in-law keep the fast of Karva Chauth. When the sisters-in-law come to seek her blessings, she urges each sister-in-law to say ‘Take yum sui, gives me piya sui , make me like you a married woman, but every time the sister-in-law goes on asking her to request the next sister-in-law. Is.
इस प्रकार जब छठे नंबर की भाभी आती है तो करवा उससे भी यही बात दोहराती है। यह भाभी उसे बताती है कि चूंकि सबसे छोटे भाई की वजह से उसका व्रत टूटा था अतः उसकी पत्नी में ही शक्ति है कि वह तुम्हारे पति को दोबारा जीवित कर सकती है, इसलिए जब वह आए तो तुम उसे पकड़ लेना और जब तक वह तुम्हारे पति को जिंदा न कर दे, उसे नहीं छोड़ना। ऐसा कह क र वह चली जाती है।
Thus, when the sixth-ranked sister-in-law comes, Karva repeats the same thing to her. This sister-in-law tells him that since his fast was broken because of the youngest brother, his wife has the power to bring her husband back to life, so when he comes you grab him and wait until he is your husband. Don’t make him alive, don’t leave him. Saying this she leaves.
सबसे अंत में छोटी भाभी आती है। करवा उनसे भी सुहागिन बनने का आग्रह करती है, लेकिन वह टालमटोली करने लगती है। इसे देख करवा उन्हें जोर से पकड़ लेती है और अपने सुहाग को जिंदा करने के लिए कहती है। भाभी उससे छुड़ाने के लिए नोचती है, खसोटती है, लेकिन करवा नहीं छोड़ती है।
Lastly comes the younger sister-in-law. Karva urges her to become a married woman too, but she starts hesitating. Seeing this, she grabs them tightly and asks her to bring her Suhag alive. Their Sister-in-law tries to get rid of him, and scolds him but does not leave Karva.
अंत में उसकी तपस्या को देख भाभी पसीज जाती है और अपनी छोटी अंगुली को चीरकर उसमें से अमृत उसके पति के मुंह में डाल देती है। करवा का पति तुरंत श्रीगणेश-श्रीगणेश कहता हुआ उठ बैठता है। इस प्रकार प्रभु कृपा से उसकी छोटी भाभी के माध्यम से करवा को अपना सुहाग वापस मिल जाता है।
In the end, seeing her penance, the sister-in-law breaks down and cuts off her little finger, and pours the nectar from it into her husband’s mouth. Karva’s husband immediately gets up saying Shri Ganesh-Sri Ganesh. In this way, by the grace of the Lord, Karva gets her honeymoon back through her younger sister-in-law.